क्या आप रोज़ाना शेयर बाजार के उतार‑चढ़ाव से घबराते हैं? चिंता न करें, हम यहाँ आपके लिए सबसे जरूरी अपडेट लाए हैं। आज सेंसेक्स ने कैसे प्रदर्शन किया, किन कारकों ने इसे आगे‑पीछे धकेला और अगले ट्रेडिंग दिन में क्या देखना चाहिए—सब कुछ सरल भाषा में समझाया गया है।
पहले तो बात करते हैं कि आज सेंसेक्स की चाल को कौन‑कौन से फैक्टर्स ने प्रभावित किया। सबसे बड़ा असर राष्ट्रीय आर्थिक आँकड़े रहे—इन्हीं में अगर फसल कटाई रिपोर्ट, महंगाई डेटा या विदेशी निवेश (एफडीआई) के प्रवाह का उल्लेख हो तो बाजार तुरंत प्रतिक्रिया देता है। दूसरा कारण कंपनियों की क्वार्टरली कमाई है; जब बड़ी‑बड़ी कंपनियाँ अपने टर्नओवर और मुनाफे की घोषणा करती हैं, तो उनके शेयरों का असर पूरे इंडेक्स पर पड़ता है। तीसरा कारक अंतर्राष्ट्रीय घटनाएँ—जैसे कि अमेरिका के ब्याज दर में बदलाव या तेल कीमतों का उतार‑चढ़ाव—इन्हें भी सेंसेक्स अपने आप समायोजित कर लेता है। इन तीन मुख्य बिंदुओं को समझकर आप आसानी से अंदाज़ा लगा सकते हैं कि कब खरीदना या बेच देना बेहतर रहेगा।
अब बात करते हैं आगे के लिए संभावनाओं की। यदि मौसमी रेनालर्ट (जैसे यूपी में भारी बारिश) से कृषि उत्पादन पर असर पड़ेगा, तो इससे कमोडिटी‑बेस्ड स्टॉक्स और फिर indirectly सेंसेक्स को प्रभाव मिल सकता है। इसी तरह अगर सरकार नई आर्थिक नीतियाँ लाए जैसे कर कटौती या निवेश प्रोत्साहन योजना, तो वित्तीय सेक्टर के शेयरों में उछाल आना संभव है।
व्यक्तिगत निवेशकों के लिए दो आसान टिप्स हैं: पहला, बड़े इंडेक्स फंड (इंडियन एग्रीगेट) में नियमित SIP डालें—ये लंबी अवधि में जोखिम कम करता है। दूसरा, जब सेंसेक्स 5‑6 % से ऊपर या नीचे जाए तो अल्पकालिक ट्रेडिंग के लिए छोटे‑छोटे सेक्टरल स्टॉक्स पर ध्यान दें; ये अक्सर जल्दी गति बदलते हैं और सही टाइमिंग पर लाभ दे सकते हैं।
एक बात याद रखें—शेयर बाजार में कोई गारंटी नहीं होती, लेकिन अगर आप प्रमुख आर्थिक संकेतकों को रोज़ देखेंगे, तो बड़े नुकसान से बचना आसान रहेगा। हर सुबह मुख्य समाचार (जैसे RBI की नीति घोषणा या बजट) पढ़ें और उस दिन के सेंसेक्स मूवमेंट को समझने का प्रयास करें।
आखिर में यह कहा जा सकता है कि सेंसेक्स सिर्फ़ एक नंबर नहीं, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था की धड़कन है। इसे सही नजरिए से देखना सीखें, तो आपका निवेश भी बेहतर दिशा में जाएगा। पढ़ते रहें, समझते रहें और अपने पोर्टफ़ोलियो को समय‑समय पर रीबैलेंस करना न भूलें।
१३ जनवरी, २०२५ को भारत के शेयर बाजार में बड़ा उतार देखा गया जब बीएसई सेंसेक्स १०३१.६५ अंक गिरकर ७६,३४७.२६ पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी५० भी ३४५.५५ अंक लुढ़क कर २३,०८५.९५ पर बंद हुआ। मंदी के संकेत दीरघार्तकालिक आर्थिक बदलाव और विदेशी कारकों से उत्पन्न हुए हैं। महत्वपूर्ण कंपनियों के शेयर, जैसे कि अदानी एंटरप्राइजेस, आदि, ने भारी नुकसान दर्ज किया।
आगे पढ़ेंभारतीय शेयर बाजार में 5 नवंबर 2024 को भारी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स 618.13 अंक गिरकर 79,400.37 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 202.75 अंक गिरकर 24,198.10 पर बंद हुआ। वैश्विक संकेतों की कमजोरी और बिकवाली के दबाव के कारण यह गिरावट हुई। आईटी और बैंकिंग क्षेत्र में अधिकतम गिरावट देखने को मिली। बाजार में इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी फेडरेट द्वारा ब्याज दरों में कटौती और चीनी केंद्रीय बैंक की राहत उपायों का असर न होना सामने आया।
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