देव उठनी एकादशी, जिसे देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन भगवान विष्णु अपनी चार मास की योग निद्रा से जागते हैं। इस पर्व का उपवास 12 नवंबर, 2024 को रखा जाएगा और उपवास तोड़ने का समय 13 नवंबर, 2024 को होगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष महत्व रखती है और भक्तों को कुछ नियमों का पालन करना चाहिए।
आगे पढ़ेंशरद पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार एक महत्वपूर्ण पूर्णिमा है जिसमें चंद्र देवता की पूजा की जाती है। इस दिन को विशेष माना जाता है क्योंकि चंद्रमा सभी सोलह कलाओं के साथ आता है। यह दिन भगवान कृष्ण से संबंधित है, और विभिन्न सांस्कृतिक परंपराएं भी इससे जुड़ी हैं। इस मौके पर खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखने की परंपरा है, जिसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।
आगे पढ़ेंपापांकुशा एकादशी का उपवास अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस साल यह 13 अक्टूबर 2024 को है। व्रत का उद्देश्य आत्मा को शुद्ध कर मोक्ष प्रदान करना है। इस दिन व्रती को विष्णु भगवान की पूजा और जप करना चाहिए तथा द्वादशी को पारण करना चाहिए। कथा में क्रूर शिकारी क्रोध का उल्लेख है, जिसे पापांकुशा एकादशी का व्रत करने पर मोक्ष प्राप्त होता है।
आगे पढ़ेंतिरुपति लड्डुओं में पशु वसा के उपयोग को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने इसे पूर्व सरकार की साजिश बताया। मंदिर ट्रस्ट ने मामले की जांच का आदेश दिया है। चंद्रबाबू नायडू ने लड्डुओं में मांस और मछली के तेल की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँची।
आगे पढ़ेंवार्षिक जगन्नाथ रथ यात्रा महोत्सव पुरी, ओडिशा में शुरू हुआ, जिसमें हजारों भक्त विशाल रथों को गुंडिचा मंदिर की ओर खींच रहे हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीनों रथों का परिक्रमा किया और देवताओं के समक्ष नतमस्तक हुईं। इस वर्ष रथ यात्रा एक अनूठे मोड़ के साथ दो दिवसीय आयोजन है।
आगे पढ़ेंबुद्ध पूर्णिमा, मुख्य त्योहार, राजकुमार सिद्धार्थ गौतम के जन्मोत्सव को मनाता है, जो गौतम बुद्ध बने और बौद्ध धर्म की स्थापना की। यह त्योहार दक्षिण, दक्षिण-पूर्व और पूर्वी एशिया में मनाया जाता है। बुद्ध पूर्णिमा 2024 को 23 मई गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन, शांति, करुणा और ज्ञान के बौद्ध मूल्यों की पूजा की जाती है।
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