दैनिक देहरादून गूंज

धर्‍म संस्कृति – इस महीने क्या है खास?

देहरादून में हर दिन कोई न कोई पूजा या उत्सव चलता रहता है। अगर आप भी नहीं जानते कि आज कौन‑सी महफ़िल है, तो यह पेज आपके लिए बना है। यहाँ हम 2024 के सबसे महत्वपूर्ण धर्मिक तिथियों की ताज़ा जानकारी देंगे – शुद्ध भाषा, आसान कदम और स्थानीय खबरें साथ में।

2024 के प्रमुख हिन्दू त्यौहार

देव उठनी एकादशी (12‑13 नवम्बर) – इस दिन विष्णु भगवान चार महीने की गहरी नींद से जागते हैं। उपवास रखना और शाम को शुद्ध जल से स्नान करना सबसे बुनियादी नियम है। अगर आप पहली बार कर रहे हैं, तो जल्दी‑जल्दी खाने‑पीने से बचें; पानी में थोड़ा नमक मिलाकर पीना फायदेमंद रहेगा।

शरद पावन पूर्णिमा (अक्टूबर‑नवम्बर) – माँ लक्ष्मी की पूजा के साथ चंद्रमा की रोशन रात्रि को देखना एक अनोखा अनुभव है। इस दिन खीर बनाकर घर में रखिए, क्योंकि इसे प्रसाद मानते हैं और सुख‑समृद्धि लाता माना जाता है।

पापांकुशा एकादशी (13 अक्टूबर) – आत्मा को शुद्ध करने के लिए विष्णु की जपे का उपवास किया जाता है। कहानी में दुष्ट शिकारी का कर्ज़ दर्शाया गया है; इस दिन यदि आप पवित्र जल से स्नान करेंगे और मंत्र पढ़ेंगे, तो माना जाता है कि बुरे कर्मों का भार हल्का हो जाता है।

बुद्ध पूर्णिमा (23 मई) – गौतम बुद्ध के जन्मोत्सव को कई एशियाई देशों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यदि आप शांति और करुणा की भावना को बढ़ाना चाहते हैं, तो इस दिन ध्यान लगाएँ या पवित्र धूप जलाकर घर में रखिए।

स्थानीय धरोहर और विवाद

देहरादून के आसपास कई बड़े मंदिरों में चल रहे मुद्दे अक्सर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा बन जाते हैं। उदाहरण के लिए, तिरुपति लड्डू की उत्पत्ति को लेकर अब तक का सबसे बड़ा विवाद है – कुछ लोग मानते हैं कि पशु‑आधारित तेल से बने लड्डू धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाते हैं, जबकि अन्य इसे प्राचीन रीति कहते हैं। इस विषय पर स्थानीय ट्रस्ट ने जांच शुरू कर दी है और सरकार भी कदम उठाने की तैयारी में है।

ओडिशा के पुरी शहर में हर साल आयोजित जगन्नाथ रथ यात्रा का नया रूप देख रहा है – अब बड़े रथों को खींचने की जगह इलेक्ट्रिक मोटर का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे पर्यावरणीय लाभ भी मिलता है और सुरक्षा जोखिम कम होते हैं। यदि आप इस यात्रा को लाइव देखना चाहते हैं, तो सुबह जल्दी पहुंचें; भीड़ से बचकर सही स्थान पर खड़े हों और अपना मोबाइल चार्ज रखें।

इन सभी घटनाओं में एक बात साफ़ है – चाहे वह धार्मिक उपवास हो या बड़े त्यौहार की तैयारी, हर कदम में सावधानी और ज्ञान का होना ज़रूरी है। आप अगर इन तिथियों को अपने कैलेंडर में जोड़ें, तो न केवल आध्यात्मिक लाभ पाएँगे बल्कि स्थानीय संस्कृति के साथ जुड़ाव भी गहरा होगा।

अब जब आपने 2024 की मुख्य धर्मिक घटनाओं और देहरादून से जुड़े मुद्दों की झलक देख ली है, तो अपनी योजना बनाइए, परिवार को शामिल करें और इस साल के त्यौहारों का पूरा मज़ा लीजिए। हर अवसर पर सही रीति‑रिवाज़ अपनाने से जीवन में शांति और सकारात्मकता आती है – यही हमारे पृष्ठ का मुख्य संदेश है।

करवा चौथ 2025: जयपुर व राजस्थान में चाँद देखे जाने का समय एवं पूजा मुहूर्त
अक्तू॰, 11 2025

करवा चौथ 2025: जयपुर व राजस्थान में चाँद देखे जाने का समय एवं पूजा मुहूर्त

करवा चौथ 2025, 10 अक्टूबर को उत्तर भारत में मनाया जाएगा; राजस्थान के शहरों में चाँद देखे जाने का समय 8:20‑8:25 PM IST बताया गया, जबकि पूजा मुहूर्त 6:04‑7:18 PM IST है।

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देव उठनी एकादशी 2024: तिथि, महत्व, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और उपाय
नव॰, 12 2024

देव उठनी एकादशी 2024: तिथि, महत्व, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और उपाय

देव उठनी एकादशी, जिसे देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन भगवान विष्णु अपनी चार मास की योग निद्रा से जागते हैं। इस पर्व का उपवास 12 नवंबर, 2024 को रखा जाएगा और उपवास तोड़ने का समय 13 नवंबर, 2024 को होगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष महत्व रखती है और भक्तों को कुछ नियमों का पालन करना चाहिए।

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शरद पूर्णिमा 2024: माँ लक्ष्मी पूजन मुहूर्त और सांस्कृतिक महत्त्व
अक्तू॰, 15 2024

शरद पूर्णिमा 2024: माँ लक्ष्मी पूजन मुहूर्त और सांस्कृतिक महत्त्व

शरद पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार एक महत्वपूर्ण पूर्णिमा है जिसमें चंद्र देवता की पूजा की जाती है। इस दिन को विशेष माना जाता है क्योंकि चंद्रमा सभी सोलह कलाओं के साथ आता है। यह दिन भगवान कृष्ण से संबंधित है, और विभिन्न सांस्कृतिक परंपराएं भी इससे जुड़ी हैं। इस मौके पर खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखने की परंपरा है, जिसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।

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पापांकुशा एकादशी 2024: व्रत कथा, महत्व और अनुष्ठान से पाएं मोक्ष
अक्तू॰, 14 2024

पापांकुशा एकादशी 2024: व्रत कथा, महत्व और अनुष्ठान से पाएं मोक्ष

पापांकुशा एकादशी का उपवास अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस साल यह 13 अक्टूबर 2024 को है। व्रत का उद्देश्य आत्मा को शुद्ध कर मोक्ष प्रदान करना है। इस दिन व्रती को विष्णु भगवान की पूजा और जप करना चाहिए तथा द्वादशी को पारण करना चाहिए। कथा में क्रूर शिकारी क्रोध का उल्लेख है, जिसे पापांकुशा एकादशी का व्रत करने पर मोक्ष प्राप्त होता है।

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तिरुपति लड्डू विवाद: मंदिर ट्रस्ट ने पशु वसा के दावों का समर्थन किया, जगन ने कहा भगवान का राजनीतिक उपयोग
सित॰, 21 2024

तिरुपति लड्डू विवाद: मंदिर ट्रस्ट ने पशु वसा के दावों का समर्थन किया, जगन ने कहा भगवान का राजनीतिक उपयोग

तिरुपति लड्डुओं में पशु वसा के उपयोग को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने इसे पूर्व सरकार की साजिश बताया। मंदिर ट्रस्ट ने मामले की जांच का आदेश दिया है। चंद्रबाबू नायडू ने लड्डुओं में मांस और मछली के तेल की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँची।

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पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा: विशाल रथों का खींचना शुरू
जुल॰, 8 2024

पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा: विशाल रथों का खींचना शुरू

वार्षिक जगन्नाथ रथ यात्रा महोत्सव पुरी, ओडिशा में शुरू हुआ, जिसमें हजारों भक्त विशाल रथों को गुंडिचा मंदिर की ओर खींच रहे हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीनों रथों का परिक्रमा किया और देवताओं के समक्ष नतमस्तक हुईं। इस वर्ष रथ यात्रा एक अनूठे मोड़ के साथ दो दिवसीय आयोजन है।

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बुद्ध पूर्णिमा 2024: गौतम बुद्ध के जन्मोत्सव की महिमा का पर्व
मई, 23 2024

बुद्ध पूर्णिमा 2024: गौतम बुद्ध के जन्मोत्सव की महिमा का पर्व

बुद्ध पूर्णिमा, मुख्य त्योहार, राजकुमार सिद्धार्थ गौतम के जन्मोत्सव को मनाता है, जो गौतम बुद्ध बने और बौद्ध धर्म की स्थापना की। यह त्योहार दक्षिण, दक्षिण-पूर्व और पूर्वी एशिया में मनाया जाता है। बुद्ध पूर्णिमा 2024 को 23 मई गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन, शांति, करुणा और ज्ञान के बौद्ध मूल्यों की पूजा की जाती है।

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