हम सब चाहते हैं कि हम अपने घर और बाहर दोनों जगह स्वस्थ रहें। लेकिन खबरों में लगातार प्रदूषण या नई बीमारी के बारे में पढ़ते‑हुए, अक्सर पता नहीं चलता किस बात पर ध्यान देना है। इस सेक्शन में मैं आपको सीधे‑साधे टिप्स दूँगा जो आपकी रोज़मर्रा की जिंदगी को सुरक्षित बनाते हैं।
दिल्ली जैसी बड़ी शहरों में वायु गुणवत्ता अक्सर 490 के ऊपर चली जाती है, यानी बहुत ज़्यादा प्रदूषण. इसका मतलब है कि आपके घर में भी धूल‑धुआँ जमा हो रहा है। एक एअर प्यूरीफ़ायर खरीदना फायदेमंद रहेगा, लेकिन महंगा मॉडल जरूरी नहीं। बाजार में कई बजट‑फ्रेंडली विकल्प हैं जो PM2.5 को 90% तक घटा देते हैं। बस इतना याद रखें: फ़िल्टर हर तीन महीने में बदलें और पंखे की सफाई नियमित रखें।
अगर आपका बजट थोड़ा कम है, तो आप DIY तरीका अपनाएँ – घर में एक छोटा बक्सा लेकर उसमें चारकोल या एक्टिवेटेड कोबाल्ट रख दें, फिर उसे वेंटिलेशन वाले कमरे में रखें. यह थोड़ी देर में हवा के कुछ गंधों को सोख लेगा।
पुणे में ज़ीका वायरस का खतरा बढ़ रहा है, अब तक 51 केस रिपोर्ट हुए हैं। बड़े शहरों में ऐसा होना आम बात है, इसलिए हमें कुछ बुनियादी सावधानियां अपनानी चाहिए। सबसे पहले, हाथ धोना—कम से कम 20 सेकंड तक साबुन से। दूसरा, घर के बाहर अगर मच्छर दिखें तो उनका प्रजनन स्थलों को न दें पानी जमा होने का मौका.
यदि आप या आपके परिवार में कोई बुखार या खांसी महसूस करे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और लक्षणों की रिपोर्ट करें। इससे रोग फैलने से पहले ही नियंत्रण संभव है. साथ ही, घर के भीतर अच्छी हवा का प्रवाह रखें; खुले खिड़की या फैन चलाकर ताज़ी हवा अंदर आए.
इन छोटे‑छोटे कदमों से आप न सिर्फ खुद को बल्कि अपने पड़ोसियों को भी स्वस्थ रख सकते हैं। याद रखें, स्वास्थ्य केवल बड़ी दवाओं या महंगे उपकरणों से नहीं बचता; रोज़ की छोटी-छोटी आदतें ही बड़ा फर्क डालती हैं.
तो अगली बार जब आप समाचार पढ़ेंगे, तो बस एक चीज़ याद रखें – कौन सी जानकारी आपके जीवन को सीधे‑साधे तरीके से बेहतर बना सकती है। यही वह ज्ञान है जो हम दैनिक देहरादून गूँज पर हर दिन साझा करते हैं।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 490 के पार पहुँच गया है, जो गंभीर प्रदूषण स्तर दर्शाता है। इस स्थिति में घर को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का चयन आवश्यक है। इस लेख में विभिन्न जरूरतों और बजट के लिए उपयुक्त शीर्ष रेटेड एयर प्यूरीफायर के बारे में बताया गया है जो आपके लिए स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकता है।
आगे पढ़ेंपुणे में ज़िका वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है, जनवरी 2022 से अब तक 51 मामले सामने आ चुके हैं। पुणे नगर निगम (पीएमसी) ने 15 इलाकों को उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों के रूप में चिन्हित किया है, और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। नागरिकों से मच्छरों की पैदावार को रोकने और किसी भी लक्षण की रिपोर्ट करने की अपील की गई है।
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