हर दिन जब आप समाचार देखते हैं तो निफ्टी का नाम अक्सर सुनते हैं। ये सिर्फ एक नंबर नहीं, बल्कि पूरे भारतीय शेयर मार्केट की धड़कन है। अगर आपको पता हो कि निफ्टी क्यों बढ़ रहा है या गिर रहा है, तो आप बेहतर निवेश फैसला ले सकते हैं। इस लेख में हम सरल भाषा में निफ्टी के हालिया रुझान और रोज़ाना इस्तेमाल होने वाले संकेतों को समझेंगे, साथ ही कुछ आसान टिप्स देंगे जो आपके पोर्टफोलियो को मजबूत बनाते हैं।
पिछले दो हफ्तों में निफ्टी ने 12 % तक की छलांग लगाई है, जबकि तकनीकी सेक्टर और फाइनेंस सबसे ज़्यादा योगदान दे रहे थे। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि विदेशी निवेशकों ने भारतीय स्टॉक्स को भरोसा दिया और कई बड़ी कंपनियों के क्वार्टरली रिजल्ट उम्मीद से बेहतर आए। वहीं, अगर आप चार्ट देखें तो 50‑दिन की मूविंग एवरेज अभी भी ऊपर की ओर है, जिससे संकेत मिलता है कि अल्पकालिक बियर मार्केट का खतरा कम हो रहा है। लेकिन ध्यान रखें, हर बार जब निफ्टी 18 % से अधिक बढ़ता है, तो कुछ शेयरों में ओवरबाय कर सकता है, इसलिए साइडलाइन्स या छोटे‑मोटे रिट्रेशमेंट की संभावना बनी रहती है।
1. डॉलर-कोस्ट एवरेजिंग (DCA): एक ही दिन में बड़ी राशि लगाने से बेहतर है कि आप महीने‑दर‑महीने छोटे‑छोटे हिस्से निवेश करें। इससे कीमतों की उतार‑चढ़ाव का असर कम हो जाता है। 2. स्ट्रॉन्ग फंडामेंटल्स वाले शेयर चुनें: अगर कंपनी के कर्निंग, रिटर्न ऑन इक्विटी और डिविडेंड अच्छे हैं तो निफ्टी में उसके हिस्से को रखना सुरक्षित रहता है। 3. ट्रैकिंग एरर कम रखें: अपने पोर्टफोलियो की तुलना निफ्टी से करें। अगर आपका बेंचमार्क 5 % से ज्यादा पीछे रह रहा है, तो कुछ शेयर हटाने या रिवेट करने का विचार करें। 4. समाचार पर अति प्रतिक्रिया ना दें: एक ही खबर से पूरे दिन के निर्णय लेने से बचें। बाजार अक्सर दो‑तीन दिन में उस खबर को इन्कॉरपोरेट कर लेता है, इसलिए धीरज रखें। 5. टेक्निकल संकेतों की बेसिक समझ रखें: RSI 30‑70 के बीच रहने पर खरीदने/बेचने का विचार बेहतर रहता है, जबकि MACD क्रॉसओवर से ट्रेंड बदलाव स्पष्ट होता है।
इन टिप्स को रोज़मर्रा में लागू करने से निफ्टी की चालों को समझना आसान हो जाएगा और आपका निवेश अधिक सुरक्षित रहेगा। याद रखें, शेयर बाजार कोई जादू नहीं है; यह डेटा, भावनाएं और आर्थिक कारकों का मिश्रण है। इसलिए हर निर्णय को सोच‑समझकर लेना जरूरी है।
अगर आप निफ्टी में नई शुरुआत कर रहे हैं तो ऊपर बताए गए बिंदुओं पर ध्यान दें और धीरे-धीरे अपने पोर्टफोलियो को बढ़ाएँ। समय के साथ आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा और बाजार की झलकियों को समझना आसान होगा। शुभ निवेश!
१३ जनवरी, २०२५ को भारत के शेयर बाजार में बड़ा उतार देखा गया जब बीएसई सेंसेक्स १०३१.६५ अंक गिरकर ७६,३४७.२६ पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी५० भी ३४५.५५ अंक लुढ़क कर २३,०८५.९५ पर बंद हुआ। मंदी के संकेत दीरघार्तकालिक आर्थिक बदलाव और विदेशी कारकों से उत्पन्न हुए हैं। महत्वपूर्ण कंपनियों के शेयर, जैसे कि अदानी एंटरप्राइजेस, आदि, ने भारी नुकसान दर्ज किया।
आगे पढ़ेंभारतीय शेयर बाजार में 5 नवंबर 2024 को भारी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स 618.13 अंक गिरकर 79,400.37 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 202.75 अंक गिरकर 24,198.10 पर बंद हुआ। वैश्विक संकेतों की कमजोरी और बिकवाली के दबाव के कारण यह गिरावट हुई। आईटी और बैंकिंग क्षेत्र में अधिकतम गिरावट देखने को मिली। बाजार में इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी फेडरेट द्वारा ब्याज दरों में कटौती और चीनी केंद्रीय बैंक की राहत उपायों का असर न होना सामने आया।
आगे पढ़ेंट्रेडिंग पर टैक्स बढ़ाने के बाद मंगलवार को सेंसक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई। सेंसक्स 73.04 अंक गिरकर 80,429.04 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी50 30.20 अंक गिरकर 24,479.05 पर बंद हुआ। एफएमसीजी और आईटी सेक्टर में मजबूती देखी गई, जबकि रियल एस्टेट, मेटल्स और बैंकिंग सेक्टर पर दबाव रहा। वहीं, आईटीसी के शेयर में 5.5% की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि लार्सन एंड टुब्रो के शेयर में 3.1% की गिरावट आई।
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