अभी कई दिनों से उत्तरी भारत में हल्की बूँदाबाँदी चल रही है, पर अगले हफ़्ते के मौसम विभाग की चेतावनी से भारी बरसात का डर बढ़ गया है। अगर आप देहरादून या आसपास रहने वाले हैं तो यह जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी होगी – कब बारिश शुरू होगी, कौन‑से इलाके ज़्यादा जोखिम में हैं और इस स्थिति में आपको क्या कदम उठाने चाहिए।
वायुमंडलीय दबाव कम होने से हवा में नमी का स्तर बढ़ता है, जिससे बूँदाबाँदी तेज़ हो जाती है। मौसम विभाग ने बताया कि 16 जून से उत्तराखंड के कई हिस्सों में लगातार 3‑8 दिन तक भारी बारिश हो सकती है। देहरादून में तापमान 33‑42 डिग्री के बीच रहेगा, पर जलवायु की असामान्यता से बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है। इस समय लकीरें दिखा रही हैं कि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में तेज़ हवाओं के साथ भारी बरसात होगी।
1. घर की तैयारियों पर ध्यान दें – निचले हिस्सों में पानी जमा नहीं होने देना, दरवाजे‑खिड़कियां बंद रखना और इलेक्ट्रिक उपकरणों को ऊँचे स्थान पर रखना सुरक्षित रहेगा।
2. बाहरी यात्रा को टालें – अगर सड़क जलमग्न हो रही है तो ड्राइविंग से बचें, खासकर गलीशाला‑आसपास के छोटे रास्ते। सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट भी देर से या रद्द हो सकता है।
3. सूचना पर नज़र रखें – स्थानीय समाचार चैनल और मौसम विभाग की वेबसाइट से अपडेट लेते रहें। अलर्ट आने पर तुरंत कार्यवाही करें, क्योंकि पानी जल्दी बढ़ सकता है।
4. सामुदायिक मदद में हाथ बंटाएँ – पड़ोसियों को जलजमाव वाले घरों के लिए पंप या बाल्टी की व्यवस्था करवाने में मदद कर सकते हैं। यह सामूहिक सहयोग अक्सर बड़ी परेशानी से बचाता है।
5. कृषि पर असर – किसान भाईयों को फसल सुरक्षा कवच का उपयोग करना चाहिए, जैसे प्लास्टिक कवर या निचले स्तर पर पानी निकालने की व्यवस्था। अगर पहले ही बाढ़ आई हो तो कृषि विभाग से मदद के लिए संपर्क करें।
भारी बारिश के दौरान बिजली कटौती भी आम है। इसलिए फ़ोन चार्जर को ऊँचे स्थान पर रखें और जरूरी दस्तावेज़ एक सुरक्षित जगह में रखें। यदि घर में जेनरेटर या इनवर्टर हो तो उसका उपयोग सीमित समय तक करें, ताकि फ्यूल खत्म न हो जाये।
उत्तरी प्रदेश की जल निकासी प्रणाली कई सालों से सुधार के अधीन है, पर अभी भी बहुत जगहें ऐसी हैं जहाँ पानी एकत्र हो जाता है और बाढ़ का कारण बनता है। अगर आप स्थानीय अधिकारी या पब्लिक हेल्थ विभाग से जुड़ी कोई नई पहल देखते हैं तो उसका सहयोग करना आपके इलाके को सुरक्षित रखने में मददगार होगा।
भारी बारिश के दौरान बच्चों को बाहर खेलने से रोकें, क्योंकि तेज़ हवा और जलस्तर बढ़ने से गिरते‑गिराते चोट लग सकती है। स्कूलों ने अक्सर अस्थायी क्लोजर की घोषणा कर दी होती है; इसलिए अभिभावकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे घर पर सुरक्षित हों।
संक्षेप में, अगर आप देहरादून या उत्तराखंड के किसी भी हिस्से में रह रहे हैं तो मौसम विभाग की चेतावनियों को नजरअंदाज़ न करें। तैयार रहें, सतर्क रहें और सामुदायिक मदद से इस भारी बारिश का सामना आसान बनाएं।
IMD ने मध्य प्रदेश के 10 जिलों में भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। अगले तीन दिन 15 मिमी प्रति घंटा से ज्यादा तेज बारिश और गरज-चमक के आसार हैं। कुछ जिलों में ऑरेंज अलर्ट भी लागू है। उत्तर प्रदेश और हिमाचल के कई हिस्सों में भी यही सिस्टम सक्रिय है। प्रशासन ने बाढ़ जैसे हालात से निपटने के लिए टीमें तैयार रखी हैं।
आगे पढ़ेंउत्तर प्रदेश के 47 जिलों में 22 से 25 अगस्त 2025 तक भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी। पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी यूपी में कुछ जगहों पर 64.5–115.5 मिमी तक बरसात संभावित। शहरी जलभराव, यातायात बाधित, निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा। प्रशासन हाई अलर्ट पर, लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील। तापमान 2-3 डिग्री घटेगा, उमस बनी रहेगी।
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